माना जाता है : आज पुरे हिंदुस्तान पर हिन्दू धर्म के संथापक भगवन शिव ही शिव है।
नेटिव गैर ब्राह्मण गणराज्य के अधिपति और गैर ब्राह्मण हिन्दू धर्म पुरुष शिव ने अपनी गैर ब्राह्मण पत्नी गिरजा , जो की सवाली थी उसके साथ साथ गोरी ब्राह्मण गौरी अर्थात पारवती से भी प्रेम उपरांत शादी की जो आज के ही दिन पारवती के पिता के घर शिव गांव से साथ बाजे गाजे के साथ बैल की सवारी , नाग आभूषण पहने शिव पुहचेतेथे तब हुवी। पारवती के पिता ने शादीko भोज आयोजित नहीं किया था जिसे कारण सभी बाराती आज भूके ही रहे। इस यद् में सभी गैर ब्राह्मण हिन्दू आज उपवास करते है , विदेशी ब्रह्मिनो ने जो अपमान किया था शिव का उसे यद् करते है यह एक तरीका है निषेध करने का भी।
शादी के बाद शिव को पारवती से गणेश नाम का पुत्र हुवा , गिरजा से वीरभद्र नाम का पुत्र हुवा था। गणेश को विदेशी ब्रह्मिनो ने बहुत अपमानित लिया उसे लम्बे कान , बड़ा पेट , छोटी आँख वाला , घासफूस खानेवाला ,चूहे का साथी आदि कहा गया। जब गणेश उसके पिता के बाद गैन नायक बने तो उसने विदेशी ब्रह्मिनो की ऐसी की तैसी कर डाली जिस के कारण उसे ब्राह्मण विघ्नकर्ता मानते थे , पर बाद में उन्हों ने अपने घर बुलाकर मोदक में विष देकर मार डाला और उसका विसर्जन किया।
शिव ने पारवती के उसके पिता के घर अपमान और आत्मा हत्या के बाद सभी विदेशी ब्राह्मण बस्तिया जला डाली , सभी विदेशी ब्राह्मण स्त्रियों से बार बार सम्बन्ध बनाये , सम्भोग किया और जिन ब्रह्मिनो ने गैर ब्राह्मण शिव और ब्राह्मण पारवती के शादी और लैंगिक सम्बंद को उनकी विदेशी ब्राह्मण नीति शुद्ध रक्त के तहत वर्ज माना जाता था उनसे अपने लिंग और विदेशी ब्राह्मण स्त्री योनि की लगातार कई साल पूजा कराई वही से लिंग पूजा का चलन शुरू हुवा। पर आज भी ब्राह्मण शिव लिंग पुयजा से दूरिया बना कर रहना चाहते है पर सभी जगह गैर ब्रह्मिन राजा होने के कारण उन्हें पुरे हिंदुस्तान में ये करनी ही पड़ती है। जिन अनेक ब्राह्मण स्त्रियों के साथ शिव ने जो सम्भोग किया था उनमे से एक के गर्भ में शिव का तीसरा बेटा कार्तिकेय का जन्म हुवा।
शिव के इन तीनो बेटो को आज पुरे हिंदुस्तान में किसी न किसी रूप में माना जाता है और शिव को भी , सवाली गिरजा ही काली , दुर्गा , महामाया , आदि शक्ति है जिसे पारवती से मालाप कर अन्य दूसरे नाम के साथ भी जाना जाता है। ऐसे लगता है गंगा नामक एक दूसरी ब्राह्मण कन्या भी शिव की पत्नी बनी होगी।
त्रिशूल के साथ साथ सुदर्शन चक्र , धनुष्य बाण आदि भी शिव के आयुध थे जो उन्हों ने खुश होकर दूसरे लोगो को दिया था।
शिव गणो को भुत , प्रेत , राक्षस विदेशी ब्राह्मण इसलिए कहते है क्यों की वे पूर्व यानि पहले के लोग थे मूल हिंदुतानि थे नेटिव थे.
नेटिव भगवन शिव अपने लोगो के लिए निरंतर लड़ते रहे , विदेशी ब्राह्मण ब्रह्मा को मार दिया , इंद्रा भाग गया , विष्णु जो लगत है एक ब्राह्मण स्त्री थी जो मोहिनी नाम से भी जानी जाती है उससे भी हरिहरन नाम का पुत्र पैदा किया। ब्रह्म्हा की पुत्री सरस्वती जिस का उसके पिता खुद ब्रह्मा ने बलत्कात किया उसका विवाह अपने बेटे गणेश से कराया और सारस्वत नाम से आगे बचे पैदा हुवे। आज पुरे हिंदुस्तान पर हिन्दू धर्म के संथापक भगवन शिव ही शिव है।
नेटिविस्ट डी डी राउत
प्रचारक
सत्य हिन्दू धर्म सभा
प्रचारक
सत्य हिन्दू धर्म सभा
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